FAQ

इस हेतु सर्वप्रथम आपको SSO ID पर Login कर अपने भूखण्ड की प्रोपर्टी आइडी जनरेट करने के लिए आवेदन करना होगा। प्रोपर्टी आईडी जनरेट होने के पष्चात नामांतरण के लिए आवेदन कर, आॅनलाईन ही राषि जमा कर e-sign द्वारा जारी नामांतरण पत्र प्राप्त कर सकते है। 

SALE DEED, RELASED DEED वसीयतनामा, GIFT DEED अथवा अन्य किसी प्रकार से भूखण्ड प्राप्त हुआ (यथा न्यायालय आदेष से हस्तांतरण) तो उसकी प्रति।

आवंटन पत्र, कब्जा पत्र, लीज डीड की पंजीकृत प्रति, सेल डीड की प्रति (यदि विक्रय हुआ है तो), लीज राषि/एक मुष्त लीज  राषि जमा होने की रसीद/प्रमाण पत्र

सर्वप्रथम SSO PORTAL  के माध्यम से आधार कार्ड द्वारा SSO ID बनाकर तत्पष्चात Login कर अपने भूखण्ड की प्रोपर्टी आई0डी0 जनरेट करने के लिए आवेदन करना होगा। तत्पष्चात एक मुष्त लीज/वार्षिक लीज के लिए आवेदन कर आॅनलाईन राषि जमा कराकर E-Signed Certificate (डिजीटल सिग्नेचर) द्वारा जारी एक मुष्त लीज प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। 

लीज डीड के लिए निर्धारित आवेदन पत्र में आवेदन प्रस्तुत कर निर्धारित समय में आपको जारी बकाया राषि की मांग पर राषि जमा कराकर लीज डीड करा सकते हैं। लीज डीड के लिए आपको स्वयं के तीन फोटो तथा दो गवाहों के 3-3 फोटो भी राषि जमा कराने के उपरांत प्रस्तुत करने होगें।

न्यास द्वारा की जाने वाली नीलामी की प्रक्रिया में भाग लेकर आप भूखण्ड क्रय कर सकते है। इस हेतु निर्धारित तिथी को अमानत राषि (117.00 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखण्डों हेतु 1.00 लाख तथा इससे अधिक के लिए 2.00 लाख) जमा कराकर नीलामी की प्रक्रिया में आप शामिल हो सकते है। उच्चतम बोलीदाता के पक्ष मेें नीलामी छोडी जाएगी।

आप  द्वारा  निर्धारित  आवेदन  पत्र  के  साथ  क्षतिपूर्ति बन्ध, अण्डरटेकिंग, स्व घोषणा स्वामित्व  दस्तावेज,  मिलान  क्षेत्रफल, (हाल जमाबन्दी भूखण्ड  का फोटो विवरण के साथ, बयनामा, आई0 डी0, एवं भूखण्ड का नक्षा दस्तावेज प्रस्तुत करने पर न्यास द्वारा नियमन पट्टे की प्रक्रिया पूर्ण कर नियमन पट्टा जारी कर दिया जाएगा।
 

उत्तर:- राज्य सरकार के  निर्देषानुसार वर्तमान  मे  भूखण्ड  का क्षेत्रफल  200  वर्गगज  तक  है तो जर्ये पंजीकृत बयनामा क्रय करने पर राषि 135/- रूपये प्रति वर्गगज की दर से देय होगी। यदि भूखण्ड  इकरारनामा  से  क्रय  किया गया  है  तो  इसी क्षेत्रफल  पर  राषि  184/-    रूपये    प्रति वर्गगज की दर से देय होगी।    यदि    भूखण्ड का क्षेत्रफल 200  वर्गगज से अधिक है खातेदारी एवं बयनामा के प्रकरणों पर राषि 202/- रूपये प्रति वर्गगज की दर से देय    होगी यदि भूखण्ड इकरारनामा से क्रय किया गया है तो इसी क्ष ेत्रफल पर राषि 275/- रूपये प्रति वर्गगज की दर से देय होगी।                                 
उक्त  नियमन    राषियों    मे  प्रति वर्ष 1  अप्रैल  से  गत  वर्ष    की दरों मे 5 प्रतिषत की वृद्धि करते हुए राषि देय होगी एवं इसके अतिरिक्त बी0एस0यू0पी0 शुल्क,    लीज राषि एवं बाह्य विकास शुल्क की राषि देय होगी।                            

जी नही!  बिना 90क/ख एवं  ले-आउट  प्लान  पास किये  बिना पट्टा जारी नही किया जा सकता है।
 

नियमन शुल्क की 80 प्रतिषत लीज राषि 8 वर्ष की एक मुष्त जमा कराकर लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।
 

जी हाँ! कृषि भूमि नियमन पट्टा विलेख व लीज डीड दोनो ही समान दस्तावेज हैं कोई अन्तर नही है इसलिए नियमन पट्टा विलेख को सब रजिस्ट्रार कार्यालय मे रजिस्ट्रेषन कराना अनिवार्य है।

आप द्वारा प्रार्थना पत्र के साथ जारी नियमन पट्टे की फोटो प्रति संलग्न कर नगरीय निकाय को पूर्ण कारण बताते हुए नियमन पट्टा रिन्यूवल किये जाने हेतु प्रार्थना पत्र पेष करना होगा जिसमे नगरीय निकाय द्वारा नियमानुसार देय राषि ली जाकर जारी नियमन पट्टे को रिन्यूवल कर दिया जावेगा। बषर्त है कि तत्समय उक्त भूखण्ड से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई वाद-विवाद किसी न्यायालय मे विचाराधीन नही हो।

नाम परिवर्तन हेतु जारी नियमन पट्टा पंजीकृत की फोटो प्रति, बयनामो की फोटो प्रति, अपनी आई0डी0 की फोटो प्रति, 50/- रू0 के स्टाम्प पर अण्डरटेकिंग भूखण्ड पर कोई वाद-विवाद  नही होने  के  संबंध    मे,  नाम परिवर्तन  फार्म के  साथ    नगरीय निकाय मे पूर्ण रूप  से  आवेदन फार्म भरकर व सभी दस्तावेजों को  स्व  प्रमाणित करते हुए    जमा कराने होंगे।

नाम परिवर्तन की राषि भूखण्ड के क्षेत्रफल पर निर्धारित  करती है    नगरीय निकाय    द्वारा नाम परिवर्तन हेतु कृषि भूमि नियमन पट्टा प्रकरणों मे निम्न प्रकार से राषि ली जा रही हैः-                                            
1. 100 वर्गमीटर तक 10/- रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से
2. 100 वर्गमीटर से 300 वर्गमीटर तक 15/- रू0 प्रति वर्गमीटर
3. 300 वर्गमीटर से 500 वर्गमीटर तक 20/- रू0 वर्गमीटर
4. 500 वर्गमीटर से अधिक 25/- रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से राषि देय होगी।
अगर भूखण्ड पर विक्रय अनुमति पूर्व मे प्राप्त की जा चुकी है तो विक्रय अनुमति की राषि नही ली जावेगी अगर विक्रय अनुमति नही ली गई है तो विक्रय अनुमति के 1000/- रू0 एवं पूर्व मे अगर कोई बकाया देय है तो देय बकाया राषि ली जाकर नाम परिवर्तन कर दिया जावेगा।

आपको नाम परिवर्तन आवेदन प्रपत्र मे समस्त उत्तराधिकारीयों को जारी नियमन पट्‌टा पंजीकृत की फोटो प्रति, माताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र, 50/— रू0 के स्टाम्प  पर  वाद—विवाद  नही  होने  का  अण्डरटेकिंग,  वारिसान प्रमाण    पत्र/षपथ—पत्र नगरीय निकाय  मे जमा  कराना  होगा  नगरीय  निकाय  द्वारा  ऐसे    प्रकरणों मे सार्वजनिक विज्ञप्ति    जारी कर कोई  आक्षेप  प्राप्त  नही  होने  की  स्थिति  मे  नाम  परिवर्तन किया  जा सकता है।  यदि  पट्‌टाधारी द्वारा अपंजीकृत  वसीयत  अथवा पंजीकृत  वसीयत  पूर्व  मे  ही निस्पादित  की हुई है नगरीय  निकाय द्वारा उक्त  वसीयत  का वैधानिक  परीक्षण कराकर विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए नाम परिवर्तन किया जा सकेगा।

पट्‌टाधारी की मृत्यु पश्चात नाम परिवर्तन शुल्क 100/— रू0 एवं कोई शुल्क बकाया है तो देय बकाया नगरीय निकाय मे जमा कराना होगा।

इस संबंध मे आप द्वारा नगरीय निकाय मे प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर एवं भूखण्ड पर कोई राषि देय नही होने पर विक्रय अनुमति जारी कर दी जावेगी। विक्रय अनुमति हेतु नगरीय निकाय द्वारा जारी पंजीकृत पट्‌टा विलेख की फोटो प्रति, आई0डी0 की फोटो प्रति, 50/— रू0 के स्टाम्प पर वाद—विवाद नही होने का अण्डरटेकिंग प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर नगरीय निकाय मे जमा कराना होगा।

प्रार्थी  द्वारा  आवेदन पत्र  के साथ  भूखण्ड  के  क्षेत्रफल पर  निर्धारित  (अधिकतम  राषि 1000/— रू0) तथा निर्धारित दस्तावेज, पंजीकृत नियमन पट्‌टा फोटो प्रति, अगर भूखण्ड का नाम परिवर्तन पूर्व    मे जारी किया का नाम परिवर्तन पूर्व मे  जारी किया जा चुका है तो  नाम परिवर्तन की    फोटो  प्रति एवं भूखण्ड पर  कोई वाद—विवाद नही  होने का  अण्डरटेकिंग 50/— रू0 के  स्टाम्प पर नगरीय निकाय मे प्रस्तुत किये जाने पर मौके की स्थिति के अनुसार संभव होने पर रोड कटिंग अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।

आप द्वारा नगरीय निकाय मे प्रार्थना पत्र के साथ चाही गई खाँचा भूमि का नक्षा, पंजीकृत पट्‌टे की फोटो प्रति, आई0डी0 की फोटो प्रति व उक्त भूखण्ड पर वाद—विवाद नही होने का अण्डरटेकिंग 50/— रू0 के स्टाम्प पर प्रस्तुत करने पर मौके की जाँच करने पश्चात राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार स्थिति पाये जाने पर प्रकरण को इस संबंध मे आयोजित बैठक मे रखकर प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।